- Ujjain: बैकुंठ चतुर्दशी आज, गोपाल मंदिर पर होगा अद्भुत हरि-हर मिलन; भगवान विष्णु को जगत का भार सौंपेंगे बाबा महाकाल
- भस्म आरती: रजत सर्प, चंद्र के साथ भांग और आभूषण से किया गया बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार, श्रद्धालुओं ने लिया भगवान का आशीर्वाद
- Tulsi Vivah: आखिर क्यों भगवान विष्णु को लेना पड़ा शालिग्राम स्वरूप? पढ़ें ये पौराणिक कथा
- भस्म आरती: भगवान गणेश स्वरूप में किया गया बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार, चारों ओर गूंजे जय श्री महाकाल के जयकारे
- अखिल भारतीय कालिदास समारोह 12 से 18 नवंबर तक, उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़ ने किया समारोह शुभारंभ; कलाकारों को दिए कालिदास राष्ट्रीय अलंकरण सम्मान
श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली महर्षि संदीपनि आश्रम में हर्ष उल्लास से मनाया गया आजादी का उत्सव !
उज्जैन लाइव, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया :
उज्जैन एक धर्मिक नगरी है, जो विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के अलावा श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली के नाम से भी जानी जाती है. भगवान श्री कृष्ण ने अपनी सम्पूर्ण शिक्षा और ज्ञान संदीपनि आश्रम में ही गुरू संदीपनि से प्राप्त किया था. वहीं आज संदीपनि आश्रम में में आजादी का उत्सव मनाया गया. इस अवसर पर मंदिर में विराजित भगवान श्री कृष्ण, बलराम और सुदामा की प्रतिमा को तिरंगा वस्त्र व तिरंगा मुकुट से सजाया गया साथ ही मंदिर परिसर में तिरंगा ध्वज लगाकर सजावट की गई है.
बता दें, सुबह मुख्य पूजन-अभिषेक करने के बाद भगवान को तीन रंग के वस्त्र धारण करवा कर सिर पर तिरंगे से बना मुकुट पहनाया गया. मंदिर परिसर को तिरंगे झंडे से सजाया गया.
शहर के मंगलनाथ मार्ग पर स्थित महर्षि संदीपनि आश्रम ऋषि सांदीपनि की तप स्थली भी है. यहां महर्षि ने घोर तपस्या की थी. इसी स्थान पर महर्षि संदीपनि ने वेद-पुराण शास्त्रादि की शिक्षा के लिए आश्रम का निर्माण करवाया था. आश्रम में भगवान श्रीकृष्ण ने भाई बलराम के साथ 64 दिन शिक्षा ली थी. इस दौरान उन्होंने 14 विद्याएं और 64 कलाएं सीखी थीं. उज्जैन से मिली शिक्षा ही कुरुक्षेत्र में गीता के रूप में श्रीकृष्ण के मुख से प्रकट हुई. इसके बाद ही वे योगेश्वर और जगद्गुरू भी कहलाए। यह परंपरा सांदीपनि आश्रम में आज भी चल रही है.